भारत में पहली महिला

भारत में पहली महिला” का आपका सवाल कुछ अधिक स्पष्टता के साथ पूछें, क्योंकि भारत में कई पहली महिलाएँ बहुत सारे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभा चुकी हैं।

कुछ उदाहरण:

  • इंदिरा गांधी: भारतीय गणराज्य की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। उन्होंने 1966 से 1977 तक और फिर 1980 से 1984 तक भारत का प्रधानमंत्री पद संभाला था।
  • किरण बेदी: वे भारतीय सेना की पहली महिला शाखा प्रमुख थीं।
  • काल्पना चावला: वे भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं।
  • पी. टी. उषा: वे पहली भारतीय महिला ओलंपिक मेडलिस्ट थीं, जिन्होंने फार्मूला-1 रेसिंग में भी भाग लिया था।

भारतीय भौतिकी क्षेत्र में भी कई पहली महिलाएँ महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम रही हैं। कुछ महत्वपूर्ण नाम निम्नलिखित हैं:

  1. चांदा कोचचर: वे पहली भारतीय महिला थीं जिन्होंने कॉर्डिनेटेड उद्घाटन सिस्टम (COS) के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में काम किया और कई महत्वपूर्ण स्थानों पर कार्य किया।
  2. अरुणा असफ़ाली: वे पहली भारतीय महिला थीं जिन्होंने स्थिर अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की और उन्होंने भौतिकी शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदानों से महत्वपूर्ण पहचान बनाई।
  3. होमी कबिराजु: वे पहली भारतीय महिला फ़िज़िकिस्ट थीं जिन्होंने अपने कैरियर के दौरान महत्वपूर्ण अनुसंधान किए और विज्ञान क्षेत्र में अपने योगदानों से पहचान बनाई।

भारतीय गणित क्षेत्र में भी कई पहली महिलाएँ महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम रही हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण दिए गए हैं:

  1. शाकुंतला देवी: उन्हें ‘गणित की रानी’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने बहुत सारे गणितीय समस्याओं को बिना किसी गणितिक उपकरण के हल किया और उनका योगदान गणित जगत में महत्वपूर्ण है।
  2. नीलिमा नायर: वे पहली भारतीय महिला थीं जिन्होंने गणितीय शिक्षा के क्षेत्र में डॉक्टरेट प्राप्त किया और उनका काम गणितीय शिक्षा में सुधार करने में महत्वपूर्ण रहा है।
  3. चंदा जोशी: वे भारतीय गणित विज्ञानी थीं जिन्होंने बहुत सारे अंतरराष्ट्रीय गणित कार्यक्रमों में भाग लिया और अपने योगदानों से महत्वपूर्ण पहचान बनाई।
  4. आरती खण्डपुरेकर: उन्होंने गणितीय विज्ञान में उनके योगदान के लिए राष्ट्रीय गणित पुरस्कार प्राप्त किया है और उनका अनुसंधान गणित के कई क्षेत्रों में हुआ है।

भारतीय रसायन शास्त्र क्षेत्र में भी कई पहली महिलाएँ महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम रही हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण दिए गए हैं:

  1. असमा ख़तून शरफ़: वे पहली भारतीय महिला थीं जिन्होंने डॉक्टरेट डिग्री प्राप्त की थी और उन्होंने अपने योगदानों से कई अंतरराष्ट्रीय रसायन जर्नल्स में प्रकाशित होने में मदद की।
  2. अनंता बैलाई कोडुरी: वे पहली भारतीय महिला थीं जिन्होंने रसायन विज्ञान में फील्ड में पीएचडी हासिल की और उन्होंने कई वैज्ञानिक पत्रिकाओं में अपने योगदानों को प्रकाशित किया।
  3. मित्ताली सेठ: वे भारतीय रसायन विज्ञानी हैं जिन्होंने नैनोमटेरियल्स और नैनोकेमिस्ट्री के क्षेत्र में अपने योगदानों से महत्वपूर्ण पहचान बनाई है।
  4. चिन्तमणि नागपूरकर: उन्होंने कई रसायनिक और भौतिकी अध्ययनों की प्रमुख बोरनिट्राइड रसायनिक योजनाओं में योगदान किया और उनका अनुसंधान उच्च तापमान और उच्च दबाव के परिस्थितियों में महत्वपूर्ण है।

भारतीय जीवविज्ञान क्षेत्र में भी कई पहली महिलाएँ महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम रही हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण दिए गए हैं:

  1. असिमा चौधहरी: वे पहली भारतीय जीवविज्ञानी थीं जिन्होंने अपने योगदानों से न्यूरोसाइंस और जीवविज्ञान क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहचान बनाई।
  2. अर्चना शर्मा: वे भारतीय जीवविज्ञानी हैं जिन्होंने मानव जीवविज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान किए हैं और उनका अनुसंधान खगोलशास्त्र और ज्योतिषशास्त्र के बीच संबंधों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
  3. स्वाती पीरमुल्ला: वे पहली भारतीय जीवविज्ञानी हैं जिन्होंने सूअरों के ग्रामगणराज की संरचना और व्यवस्था के अध्ययन के लिए प्रमुख योगदान किया है।
  4. पूर्णिमा गोडाप्पा: वे भारतीय जीवविज्ञानी हैं जिन्होंने शैक्षिक और वैज्ञानिक संगठनों के साथ काम करके बालकों के लिए जीवविज्ञान के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान किया है।

UPSC Civil Services Examination (CSE) में भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, आयकर सेवा, आदि कई प्रमुख सेवाएँ शामिल होती हैं, और इस परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवार विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएँ कर सकते हैं। कुछ महिला उम्मीदवार ने भी इन सेवाओं में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है।

  1. सोनलि मिश्रा: वे पहली महिला थीं जिन्होंने UPSC CSE में प्रथम आवृत्ति में ही आल इंडिया रैंक प्राप्त किया था।
  2. श्रेया शाश्त्री: वे पहली महिला थीं जो UPSC CSE में सीआईएस अफसर की पदवी प्राप्त करने में सफल रही थीं।
  3. किरण बेदी: वे पहली महिला थीं जिन्होंने UPSC CSE में पुलिस सेवा में चयन हासिल किया और पहली महिला IPS अफसर बनी थीं।
  4. तिनू दाबी: वे पहली महिला थीं जिन्होंने अपनी पहली प्रयास में ही UPSC CSE में पूर्वोत्तर प्रदेश क्षेत्रीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की पदवी प्राप्त की थी।

ये केवल कुछ उदाहरण हैं, और UPSC CSE में भी कई महिलाएँ योगदान कर चुकी हैं और कर रही हैं। यह परीक्षा विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएँ करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है और यहाँ तक कि पहली महिला IAS अफसर, ऐन इंडिया सर्विस में उन्होंने अपने योगदानों से पहचान बनाई है।

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