UPSC Kya Hai – UPSC की पूरी जानकारी हिंदी में

UPSC का पूरा नाम Union Public Service Commission (संघ लोक सेवा आयोग) है। आजादी के तत्पश्चात 26 अक्टूबर 1950 ईस्वी को लोक सेवा आयोग के नाम में संशोधन कर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) रखा गया। इस संशोधन का संबंध संविधान के Article 315 से है। संघ लोक सेवा आयोग का भी कार्य ग्रेड A तथा B के अधिकारियों का चयन करना है। UPSC केंद्र और राज्य के स्तर पर कुल 24 सेवाओं की परीक्षा आयोजित करती है जिसमें IAS सबसे प्रमुख है। इसे भारत की सर्वोच्च परीक्षा की दर्जा दी गई है।

UPSC द्वारा आयोजित परीक्षाएं।

  • सिविल सर्विस एग्जाम (CSE).
  • इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जामिनेशन (ESE).
  • कंबाइंड डिफेंस सर्विस (CDS).
  • नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA).
  • नौसेना एकेडमी (NA).

CSE परीक्षा के अंतर्गत UPSC के अंदर कुल 24 पद होते हैं। जैसेे- भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय राजस्व सेवा (IRS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), संयुक्त चिकित्सा सेवा (CMS), केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) इत्यादि। इनमें सभी ग्रेड A तथा B के अधिकारी हैं जिसका चयन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा किया गया है।

UPSC के कार्य

यूपीएससी के कार्य का संबंध संविधान के अनुच्छेद 320 से है। Article 320 के तहत सिविल सेवाओं में भर्ती प्रक्रिया से संबंधित सभी देख-रेख आयोग के पास होता है। इस Article के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग के कार्य निम्नलिखित है।

  1. अधिकारियों के नियुक्ति के लिए परीक्षा का आयोजन करना।
  2. साक्षात्कार में उत्तीर्ण विद्यार्थीयों का सिलेक्शन करना।
  3. आमेलन द्वारा अधिकारियों की नियुक्ति करना।
  4. लोक सेवा में विभिन्न पदों के लिए अनुशासन से संबंधित कार्य।
  5. किसी भी मामलों में सरकार को सही निर्णय लेने में परामर्श देना।
  6. सरकार के अधीन में होकर विभिन्न पदों के लिए अधिकारियों का बहाल करना और उनमें त्रुटि होने पर संशोधन करना।
  7. राज्य लोक सेवा के अधिकारियों को संघ लोक सेवा से अधिकारी के रूप में भर्ती करना।
  8. विभागीय पदोन्नति समितियों का आयोजन करना।
  9. भारत के राष्ट्रपति द्वारा निर्दिष्ट कोई अन्य मामला सुलझाना।

UPSC के लिए योग्यता(Eligibility for upsc exam)

शैक्षणिक योग्यता(education):

  1. जो विद्यार्थी अपनी स्नातक की परीक्षा किन्ही एक संकाय (विज्ञान, कला या कॉमर्स) से पूरा कर चुका हो, वह यूपीएससी के लिए योग्य माना जाता है। साथ ही स्नातक की परीक्षा में 50% अंक अनिवार्य है।
  2. ग्रेजुएशन के अंतिम वर्षों में अध्ययन कर रहे विद्यार्थी भी यूपीएससी के प्रीलिम्स में बैठ सकते हैं। हां यह जरूरी बन जाता है कि मेंस की परीक्षा में ग्रेजुएशन का प्रमाण देना होता है।

उम्र सीमा(UPSC Exam age limit):

  1. सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए न्यूनतम उम्र 21 वर्ष तथा अधिकतम 32 वर्ष है। यह विद्यार्थी अधिकतम 6 प्रयास कर सकते हैं।
  2. SS/ST वर्ग के विद्यार्थीयों के लिए न्यूनतम उम्र 21 तथा अधिकतम 37 वर्ष है। इन्हें उम्र के मामलों में 5 वर्ष का छूट दिया जाता है और साथ में असीमित प्रयास की सुविधा।
  3. OBC वर्ग के विद्यार्थियों को 3 वर्ष का छूट दिया जाता है। अर्थात इनकी अधिकतम उम्र 35 वर्ष होनी चाहिए। ऐसे वर्ग के विद्यार्थी कुल 9 प्रयास कर सकते हैं।
वर्ग उम्र सीमा छूट कुल प्रयास
सामान्य वर्ग(GEN) 21-32 कोई छूट नहीं 6
अन्य पिछड़ा जाति(OBC) 21-35 3 वर्ष 9
अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) 21-37 असीमित

यूपीएससी एग्जाम का सिलेबस(UPSC exam syllabus)

प्रारंभिक परीक्षा पेपर-1(GAT): वर्तमान देश की घटनाएं, भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन का इतिहास, भारत एवं विश्व का भूगोल, आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था, राज व्यवस्था और शासन, पर्यावरण से संबंधित जानकारी

प्रारंभिक परीक्षा पेपर-2(CSAT): comprehension, पारंपरिक और संचार कौशल, तार्किक विश्लेषण, सामान्य ज्ञान एवं मानसिक क्षमता, निर्णय लेने की शक्ति तथा समस्या का समाधान, गणित (दसवीं स्तरीय)

मुख्य परीक्षा(mains): भारत की प्राचीन विरासत एवं संस्कृति, विश्व एवं सामाजिक इतिहास तथा भूगोल, संविधान, राजतंत्र, न्याय एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध, टेक्नोलॉजी, आर्थिक विकास, विभिनता एवं आपदा प्रबंधन, आचार नीति, अखंडता एवं जैव विविधता।

UPSC में भर्ती की प्रक्रिया।

UPSC की परीक्षा तीन चरण में होती है। Prelims, Mains और Interview. आइए सबसे पहले प्रीलिम्स के परीक्षा प्रक्रिया को समझते हैं।

पेपर प्रश्नों की कुल संख्या कुल अंक समय
सामान्य अध्ययन I (GAT) 100 200 2 घंटे
सामान्य अध्ययन II (CSAT) 80 200 2 घंटे

Prelims की परीक्षा में कुल 2 पेपर होते हैं जिनका प्राप्तांक मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ा जाता है। हां लेकिन यह जरूरी है कि मेंस की परीक्षा में बैठने के लिए prelims में कम से कम 33% अंक अनिवार्य है। इसमें नकारात्मक अंक की प्रक्रिया अपनाई जाती है। अभ्यर्थियों द्वारा गलत उत्तर देने पर उनके प्राप्तांक में से 1/3 अंक काट लिए जाते हैं।

Mains परीक्षा की प्रक्रिया:

Prelims की परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थी को मेंस की परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाता है। इसमें कुल 9 पेपर होते हैं जो लिखित प्रश्न पत्र के आधार पर आते हैं। इनमें 2 भाषा के लिए प्रश्न पत्र होते हैं। मेंस की परीक्षा की अवधि लगभग एक सप्ताह तक का होता है। विद्यार्थी को साक्षात्कार तक पहुंचने के लिए मेंस की परीक्षा में 25% अंक लाना अनिवार्य है।

साक्षात्कार (Interview):

Personal Interview यूपीएससी का अंतिम चरण होता है। मेंस की परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थी को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। मेंस की परीक्षा कोई 1750 अंक तथा साक्षात्कार की परीक्षा 275 अंक का होता है। इस प्रकार मेरिट लिस्ट के लिए कुल 2025 अंको की परीक्षा ली जाती है। इसमें विद्यार्थी के व्यक्तित्व, गुण, लक्षण, भाषा की शैली और विचारों को देखा जाता है। साथ ही साथ कुछ सामान्य ज्ञान और वर्तमान जनित घटनाओं से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

यूपीएससी में कौन-कौन से पोस्ट होते हैं?

संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) कुल 24 सेवाओं के लिए परीक्षा आयोजित करती है। इनमें से सबसे प्रथम स्थान IAS उसके बाद IPS, IFS, IRS तथा अन्य और सभी भी महत्वपूर्ण स्थान होता है। कुल 24 सेवाओं के अंतर्गत आने वाले ये 4 पद अपने आप में एक अलग पहचान बनाता है। इसलिए अधिक से अधिक बच्चों का सोच यही होता है कि मैं एक आईएएस अधिकारी बनू।

सन 2009 के पहले लोक सेवा आयोग द्वारा आईपीएस के पद पर मात्र 150 विद्यार्थियों को रखा जाता था। लेकिन बाद में आयोग द्वारा कुछ संशोधन किया गया और अब 200 पदों के लिए आईपीएस का बहाल होता है। तथा आईएएस के पद अधिकतम 180 या कम भी हो सकते हैं। इस प्रकार संघ लोक सेवा आयोग कुल 24 सेवाओं हेतु अधिकतम 1000 सीटो का निर्धारण करती है।

Types of civil service jobs by UPSC:

  • भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS).
  • भारतीय पुलिस सेवा (IPS).
  • भारतीय वन सेवा (IFoS).
  • भारतीय विदेश सेवा (IFS).
  • भारतीय सूचना सेवा (IIS).
  • भारतीय डाक सेवा (IPoS).
  • भारतीय राजस्व सेवा (IRS).
  • भारतीय व्यापार सेवा (ITS).
  • रेलवे सुरक्षा बल (RPF).
  • पांडिचेरी सिविल सेवा (PCS).
  • पन्डिचेरी पुलिस सेवा (PPS).
  • दिल्ली, अंडमान निकोबार आईलैंड्स सिविल सेवा (DANICS).
  • दिल्ली, अंडमान निकोबार आइलैंड, लक्ष्यदीप, दमन दीव, दादर नगर हवेली पुलिस सेवा (DANIPS).
  • इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स सर्विस (IAAS).
  • इंडियन सिविल अकाउंट्स सर्विस (ICAS).
  • इंडियन कॉरपोरेट लॉ सर्विस (ICLS).
  • इंडियन डिफेंस एस्टेट सर्विस (IDES).
  • इंडियन डिफेंस अकाउंट्स सर्विस (IDAS).
  • इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज सर्विस (IOFS).
  • इंडियन कम्युनिकेशन फैक्ट्रीज सर्विस (ICFS).
  • इंडियन रेलवे अकाउंट्स सर्विस (IRAS).
  • इंडियन रेलवे पर्सनल सर्विस (IRPS).
  • इंडियन रेलवे ट्रेफिक सर्विस (IRTS).
  • आर्म्ड फोर्सेज हेड क्वार्टर्स सिविल सर्विस (AFHCS).

यूपीएससी एग्जाम के बाद सैलरी-

UPSC द्वारा सिविल सर्विस की परीक्षा मे चयनित छात्रों को विभिन्न पदों पर (जैसे-IAS, IPS, IFS, IRS आदि) उनके रैंक के आधार पर प्रतिपादित किया जाता है। सभी अधिकारियों का वेतन उनके position के अनुसार दिया जाता है। वेतन में बहुत ज्यादा का अंतर नहीं होता, परंतु IAS को अन्य सभी के अपेक्षा मूल वेतन में कुछ अधिक राशि दिए जाते हैं। हां या तथ्य सही है कि मूल वेतन के अतिरिक्त अन्य सभी सुविधाएं प्रत्येक सिविल सर्विस अधिकारी को समान दिया जाता है।

ट्रेनिंग के दौरान लगभग ₹45000 दिए जाते हैं लेकिन एक जिला अधिकारी के रूप में नियुक्त होने के बाद IAS और IPS का प्रारंभिक वेतन एक समान ( 56,100 रुपए) मिलता है। IPS का उच्चतम वेतन 2,25,000 रुपए जबकि IAS को 2,50,000 रुपए दिया जाता है। सैलरी देने की यह प्रक्रिया सातवें वेतन आयोग के आधार पर हुआ है।

पोस्ट प्रारंभिक वेतन अधिकतम वेतन
IAS 56,100 2,50,000
IPS 56,100 2,25,000
इसके अतिरिक्त सभी अधिकारियों को लगभग समान राशि दी जाती है।

यूपीएससी(UPSC) की तैयारी कैसे करें(UPSC ki Taiyari kaise kare in HINDI)

UPSC जैसे बृहद एग्जाम को पास करना एक बहुत ही कठिन विषय है। परीक्षार्थियों की संख्या दिन पर दिन बढ़ने के कारण तथा सीटों की संख्या कम होने के कारण इसमें प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक है। बहुत से विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो काफी मेहनत के बावजूद भी सिलेक्ट नहीं हो पाते। उन्हें और सफलता की राह देखनी पड़ती है। इसलिए हमें आरंभ से ही मेहनत करना चाहिए। इसके लिए कुछ Daily activities है, जिसको छात्रों को ध्यान में रखना होगा।

1.सही कोचिंग संस्थानों का चयन: वैसे देखा जाए तो कुछ ऐसे भी विद्यार्थी मिलते हैं, जो बिना कोचिंग की मदद से यूपीएससी तक का सफर पूरा कर लेते हैं। परंतु कुछ विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं जो संपूर्ण रुप से कोचिंग संस्थानों पर निर्भर रहते हैं। ऐसे विद्यार्थियों के लिए बड़े-बड़े शहरों में यूपीएससी की तैयारी के लिए कोई अच्छे कोचिंग संस्थान है, जहां तैयारी कर परीक्षार्थी सपने को साकार कर सकते हैं।

2.समाचार पत्र पढ़ना: अपनी ज्ञान को विकसित करने का यह एक बेहतरीन तरीका है। समाचार पत्र पढ़ने से देश विदेश में घटित होने वाली तत्कालिक घटनाओं का पता चलता है जिसका उपयोग साक्षात्कार की परीक्षा में होती है। संभव हो तो अंग्रेजी तथा हिंदी दोनों माध्यम में समाचार पत्र पढ़ें। इससे आपका ज्ञान और साथ ही साथ अंग्रेजी बोलने एवं समझने की कला का प्रदर्शन होता है।

3.नेटवर्क का सही उपयोग: आज के युग में हम घर बैठे भी मोबाइल फोन के माध्यम से किसी भी परीक्षा को पास कर सकते हैं। अतः यूपीसी के विद्यार्थियों के लिए यह एक अच्छा अवसर है कि घर रह के भी अपने कार्यों के साथ-साथ पढ़ाई को भी अच्छे ढंग से कर सकते हैं। मोबाइल फोन के माध्यम से विगत प्रश्न पत्र, न्यूज़ और सामान्य ज्ञान से संबंधित चीजों का अध्ययन करते रहे जिससे परीक्षा में काफी मदद मिलेगी।

4. प्रतिदिन मॉक टेस्ट देना: मॉक टेस्ट देने के अनेक फायदे होते हैं। इससे प्रतिदिन हमारी उत्तर में कुछ न कुछ बदलाव आता है, हमें प्रत्येक माह अपना टेस्ट एक बार खुद लेना चाहिए जिससे पता चले कि हमारी तैयारी किस लेवल की है और उसके अनुसार हमें आगे का प्लान तैयार करना चाहिए। अपनी सेल्फ स्टडी और कोचिंग से कुछ अतिरिक्त समय बचा कर दोस्तों के साथ ग्रुप स्टडी करनी चाहिए जिससे ज्ञान में बढ़ोतरी होगी एवं प्रतिदिन हो रहे बदलाव का पता चलेगा।

5.previous year प्रश्न पत्र हल करें: विगत वर्षों के प्रश्न पत्र हल करना जरूरी है इन प्रश्नों से हमें अंदाजा लगता है कि किस तरह के प्रश्न हमसे पूछे जा सकते हैं और बराबर अभ्यास करने से उत्तर लिखने का सही तरीका पता चलता है और इस प्रकार हम अपनी तैयारी को मजबूत कर सकते हैं।

6. पढ़ने प्लान तैयार करें: हमें अपनी तैयारी को सप्ताहिक, मासिक एवं वार्षिक besis पर तैयार करना होगा। IAS जैसी कठिन परीक्षा को पास करने के लिए हमें एक सही routine का निर्धारण उसे follow करना होगा।

 

7.NCERT किताबों का चयन: यूपीएससी परीक्षाओं के अभ्यास हेतु NCERT सिलेबस को समझना एवं जानना बेहद आवश्यक है। इसके आधार पर हम अपने को exam के लिए prepare कर सकते हैं। सभी प्रश्न NCERT पुस्तक से पूछे जाते हैं इसलिए हमें कक्षा 6 से 12वीं तक के सभी आर्ट्स विषयों का संपूर्ण अध्ययन करना होगा जो exam crack करने में कार्यकारी होगा।

यूपीएससी में सदस्यों का चयन कैसे होता है?

यूपीएससी में सदस्यों का चयन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। संघ लोक सेवा कूल 11 सदस्ययी होता है, जिसमें 1 चेयरमैन और अन्य 10 व्यवस्थापक होते हैं। सेवा प्रदान करने की अधिकतम उम्र सीमा 65 वर्ष तक हो सकती है। इस बीच कोई भी सदस्य अपने पद को राष्ट्रपति से इस्तीफा दे सकता है। संघ लोक सेवा का का सदस्य होने के लिए व्यक्ति को कम से कम 10 वर्ष केंद्रीय या राज्यसेवा में सेवा प्रदान करनी होती है।

History of UPSC (यूपीएससी का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि):

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रवादियों ने जो राजनीतिक आंदोलन चलाया उसकी एक प्रमुख मांग थी कि लोकसेवा हेतु परीक्षाएं भारत में भी आयोजित की जाए। क्योंकि तत्कालीन समय में लोक सेवा की परीक्षा भारत में ना होकर इंग्लैंड में हुआ करती थी। भारत में पहली बार लोक सेवा आयोग की स्थापना 26 अक्टूबर 1926 में हुआ। आजादी के 3 वर्ष उपरांत संघ लोक सेवा आयोग को संवैधानिक प्रावधानों के द्वारा 26 अक्टूबर 1950 को अपनाया गया जिससे हमारे देश में ग्रेड A के अधिकारियों की भर्ती कराई जा सके। इस नवीन स्थापित लोक सेवा आयोग को संघ लोक सेवा आयोग के नाम से जाना जाता है। यूपीएससी की स्थापना का संबंध संविधान के अनुच्छेद 315 से है।

UPSC का गठन क्यों हुआ ?

भारत में यूपीएससी का गठन आजादी से पूर्व हुआ था परंतु इसे आजादी के 3 वर्ष बाद संवैधानिक रूप से अपनाया गया। हमारे देश में लोक सेवा के गठन का मुख्य उद्देश्य लोगों को सिविल सर्विस के महत्वो को समझाना था क्योंकि आजादी से UPSC की परीक्षा इंग्लैंड में होती थी और सभी अधिकारी British हुआ करते थे। हमारी तत्कालीन नेताओं को यह बात गवारत नहीं लगी, उन्होंने इसका विरोध किया।

आम तौर पर देखा जाए तो हमारे देश के कानून व्यवस्था को बनाए रखने वाले अधिकारियों को बहाल हमारे राष्ट्र में ही होना चाहिए जो तत्कालीन समय में नहीं था। लोगों के मन में सिविल सर्विस को लेकर काफी डर भी था और आजादी के पूर्व शासन व्यवस्था भी अंग्रेजों के हाथों में था इसलिए ऐसी परिस्थितियों से निजाद पाने के लिए UPSC की परीक्षा भारत में होने की मांग की गई और अंततः भारत की राजधानी नई दिल्ली में लोक सेवा आयोग का गठन हुआ और तब से हमारे देश के सभी ग्रेड A के अधिकारी का चयन यूपीएससी द्वारा की जाने लगी।

UPSC का भारत पर प्रभाव-

अगर हम भारत पर UPSC के प्रभावो की विवेचना करें इसके द्वारा किए गए सभी कार्य सकारात्मक दृष्टि से सही नजर आता है। जब तक हमारे देश में संघ लोक सेवा आयोग नहीं था तब तक यहां की कानून व्यवस्था, शासन की प्रक्रिया काफ़ी निचले स्तर की थी। हमारी अर्थव्यवस्था (GDP)में काफी बढ़ोतरी हुई है। एक शब्द में कहा जाए तो यूपीएससी भारत के सर्वोच्च अधिकारी को नियुक्त करने वाली संस्था है जिसके प्रभावो का वर्णन शब्दों में करना संभव नहीं है।

निष्कर्ष (Conclusion).

दोस्तों यहां हमने भारत के सबसे बृहद परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग के बारे में बताया है। इससे जुड़ी सभी जानकारियां हमने आप सभी तक पहुंचाया है। यह आर्टिकल लिखने का उद्देश्य यह था की आप सभी को यूपीएससी से संबंधित सभी चीजों का सही ज्ञान हो और बाह्य विडंबना से रहित जानकारी देना एक अच्छे व्यक्ति का कर्तव्य भी होता है, इसलिए इस आर्टिकल में दी गई सभी जानकारियां सही है।

उम्मीद है कि यह आर्टिकल आप सभी को बहुत पसंद आया होगा। इसे पढ़ने से आपके मन के सभी परेशानियां दूर हो गई होगी तथा यूपीएससी से संबंधित जानकारियां प्राप्त हो गई होगी। यदि आप सभी के मन में भी यूपीएससी से संबंधित कोई सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

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